कुमार विश्वास ने अपने जीवन में कई ऐसे समय भी देखे हैं जब उन्होंने सोचा कि उन्होंने गलत रास्ता चुना है। फिर भी उन्होंने अपनी जिंदगी में बदलाव लाते रहे और आज एक सफल कवि है। उनका नाम आदित्य दत्त की फिल्म चाय गरम में भी है।
आज हम आपके लिए डॉ. कुमार विश्वास जी की कुछ बेहद खास शायरी लाए हैं जो आपको बहुत पसंद आएँगी। तो पढ़ना शुरू कीजिये और इसे अपने प्रियजनों के साथ भी शेयर कीजिये।
Table of Contents
- kumar vishwas shayari in hindi
- kumar vishwas love shayari in hindi
- kumar vishwas love shayari in hindi
- kumar vishwas shayari in hindi lyrics
- dr Kumar Vishwas famous shayari
- Kumar Vishwas famous shayari in Hindi
- Kumar Vishwas Dosti Shayari In Hindi
- Kumar Vishwas Shayari On Life
- Kumar Vishwas Love Shayari In Hindi Lyrics
- Famous Kumar Vishwas Poetry-Shayari
- kumar vishwas motivational shayari in hindi
- kumar vishwas shayari koi deewana kehta hai (कुमार विश्वास की शायरी)
kumar vishwas shayari in hindi
मेरे जीने मरने में,
तुम्हारा नाम आएगा।
मैं सांस रोक लू फिर भी,
यही इलज़ाम आएगा।
हर एक धड़कन में जब तुम हो,
तो फिर अपराध क्या मेरा,
अगर राधा पुकारेंगी,
तो घनश्याम आएगा।
पनाहों में जो आया हो,
उस पर वार क्या करना जो दिल हारा हुआ हो,
उस पे फिर से अधिकार क्या करना मोहब्बत का मज़ा तो,
डूबने की कशमकश में है.
जो हो मालूम गहरायी, तो दरिया पार क्या करना.
मेरा जो भी तर्जुबा है, तुम्हे बतला रहा हूँ मैं
कोई लब छु गया था तब, की अब तक गा रहा हूँ मैं
बिछुड़ के तुम से अब कैसे, जिया जाये बिना तडपे
जो मैं खुद ही नहीं समझा, वही समझा रहा हु मैं ।
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझाता है,
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है।
मै तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है,
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है।
यह चादर सुख की मोल क्यू,
सदा छोटी बनाता है।
सीरा कोई भी थामो,
दूसरा खुद छुट जाता है।
तुम्हारे साथ था तो मैं,
जमाने भर में रुसवा था।
मगर अब तुम नहीं हो तो,
ज़माना साथ गाता है.
कहीं पर जग लिए तुम बिन,
कहीं पर सो लिए तुम बिन.
भरी महफिल में भी अक्सर,
अकेले हो लिए तुम बिन ये पिछले चंद वर्षों की कमाई साथ है
अपने कभी तो हंस लिए तुम बिन,
कभी तो रो लिए तुम बिन.
kumar vishwas love shayari in hindi
भाषा विज्ञानियों का मत है कि जो भाषा विकसित होती है, वह अधिक प्रसार में है। जितने अधिक लोग एक भाषा बोलते हैं, उतनी ही वह मजबूत होगी।
यह तकनीक का जमाना है, इसलिए यह भी महत्वपूर्ण है कि कोई भाषा तकनीक से किस हद तक जुड़ी हुई है और कितने रोजगार के अवसर हैं।
चूंकि हम ‘हिंदी’ की बात कर रहे हैं जब अंग्रेजी विश्वभाषा के रूप में स्थापित हो चुकी है, लेकिन यह भी सच है कि निज भाषा आंदोलन भी उभरे और तकनीक ने उन्हें और मुखर बनाया। दुनिया भर में अपनी भाषा के प्रति झुकाव बढ़ा है।
जब जल्दी घर जाने की इच्छा ,
मन ही मन घुट जाती है ,
जब कॉलेज से घर लाने वाली ,
पहली बस छुट जाती है ,
वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है
किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से
यहाँ ख़त भी थोड़ी देर में अखबार होता है|
तुम्हीं पे मरता है ये दिल अदावत क्यों नहीं करता,
कई जन्मों से बंदी है बगावत क्यों नहीं करता,
कभी तुमसे थी जो वो ही शिकायत है ज़माने से,
मेरी तारीफ़ करता है मोहब्बत क्यों नहीं करता।
जब कमरे में सन्नाटे की आवाज सुनाई देती है ,
जब दर्पण में आँखों के नीचे झाई दिखाई देती है ,
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जमाना अपनी समझे पर,
मुझे अपनी खबर यह है
तुझे मेरी जरुरत है,
मुझे तेरी जरुरत है|
एक पहाडे सा मेरी उँगलियों पे ठहरा है
तेरी चुप्पी का सबब क्या है? इसे हल कर दे
ये फ़क़त लफ्ज़ हैं तो रोक दे रस्ता इन का
और अगर सच है तो फिर बात मुकम्मल कर दे|
तुम्हारा ख़्वाब जैसे ग़म को अपनाने से डरता है
हमारी आखँ का आँसूं , ख़ुशी पाने से डरता है
अज़ब है लज़्ज़ते ग़म भी, जो मेरा दिल अभी कल तक़
तेरे जाने से डरता था वो अब आने से डरता है|
कोई कब तक महज सोचे,कोई कब तक महज गाए
ईलाही क्या ये मुमकिन है कि कुछ ऐसा भी हो जाऐ
मेरा मेहताब उसकी रात के आगोश मे पिघले
मैँ उसकी नीँद मेँ जागूँ वो मुझमे घुल के सो जाऐ|
बतायें क्या हमें किन-किन सहारों ने सताया है
नदी तो कुछ नहीं बोली, किनारों ने सताया है
सदा ही शूल मेरी राह से ख़ुद हट गए लेकिन
मुझे तो हर घडी हर पल बहारों ने सताया है|
kumar vishwas love shayari in hindi
पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार क्या करना
जो दिल हारा हुआ वोहा पे फिर अधिकार क्या करना
मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है
ग़ैर मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना।
मोहब्बत एक अहसासों की, पावन सी कहानी है,
कभी कबिरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है,
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं,
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है।
तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ
तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नही लेकिन
तुम्हीं को भूलना सबसे ज़रूरी है, समझता हूँ।
तुझ को गुरुर ए हुस्न है
मुझ को सुरूर ए फ़न।
दोनों को खुद पसंदगी की
लत बुरी भी है।
तुझ में छुपा के खुद को
मैं रख दूँ मग़र मुझे।
कुछ रख के भूल जाने की
आदत बुरी भी है।
गिरेबां चाक करना क्या है,
सीना और मुश्किल है.
हर एक पल मुस्कुरा के,
अश्क पीना और मुश्किल है.
हमारी बदनसीबी ने,
हमें इतना सीखाया है.
किसी के इश्क में मरने से,
जीना और मुश्किल है.
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा.
kumar vishwas shayari in hindi lyrics
मेरा अपना तजुर्बा है तुम्हें बतला रहा हूँ मैं
कोई लब छू गया था तब के अब तक गा रहा हूँ मैं
बिछुड़ के तुम से अब कैसे जिया जाए बिना तड़पे
जो में खुद हूँ नहीं समझा वही समझा रहा हूँ मैं..
स्वंय से दूर हो तुम भी, स्वंय से दूर है हम भी
बहुत प्रसिद्ध हो तुम भी, बहुत प्रसिद्ध हो हम भी
बड़े मगरूर हो तुम भी, बड़े मगरूर हो हम भी
अतः मजबूर हो तुम भी, अतः अनुपालन है हम भी।
घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे
देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा ?
मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है
दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा।
यह चादर सुख की मोल क्यू,
सदा छोटी बनाता है. सीरा कोई भी थामो,
दूसरा खुद छुट जाता है. तुम्हारे साथ था तो मैं,
जमाने भर में रुसवा था.
मगर अब तुम नहीं हो तो, ज़माना साथ गाता है.
कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ
किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ
मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो
मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ
नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है,
मेरी उम्मीद की जद में अभी सारा जमाना है,
कई जीत है दिल के देश पर मालूम है मुझकों,
सिकन्दर हूँ मुझे इक रोज़ खाली हाथ जाना है।
dr Kumar Vishwas famous shayari
जो किए ही नहीं कभी मैंने,
वो भी वादे निभा रहा हूँ मैं,
मुझसे फिर बात कर रही है वो,
फिर से बातों में आ रहा हूँ मैं !
तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ।
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ।
तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है, नहीं लेकिन।
तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है, समझता हूँ।
तुझ को गुरुर ए हुस्न है मुझ को सुरूर ए फ़न.
दोनों को खुद पसंदगी की लत बुरी भी है.
तुझ में छुपा के खुद को मैं रख दूँ मग़र मुझे.
कुछ रख के भूल जाने की आदत बुरी भी है.
वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है
किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से
यहाँ ख़त भी थोड़ी देर में अखबार होता है.
उम्मीदों का फटा पैरहन,
रोज़-रोज़ सिलना पड़ता है,
तुम से मिलने की कोशिश में,
किस-किस से मिलना पड़ता है।
क़लम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा,
गिरेबां अपना आँसू में भिगोता हूँ तो हंगामा।
नहीं मुझ पर भी जो खुद की ख़बर वो है ज़माने पर,
मैं हँसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा।
Kumar Vishwas famous shayari in Hindi
उसी की तरह मुझे सारा जमाना चाहे,
वह मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे।
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा,
यह मुसाफिर तो कोई ठिकाना चाहे।
कोई पत्थर की मूरत है, किसी पत्थर में मूरत है
लो हमने देख ली दुनिया, जो इतनी खुबसूरत है
जमाना अपनी समझे पर, मुझे अपनी खबर यह है
तुझे मेरी जरुरत है, मुझे तेरी जरुरत है.
हर इक खोने में हर इक पाने में
तेरी याद आती है नमक आँखों में घुल जाने में
तेरी याद आती है. तेरी अमृत भरी लहरों को
क्या मालूम गंगा माँ समंदर पार वीराने में तेरी याद आती है.
पनाहों में जो आया हो, उस पर वार क्या करना
जो दिल हारा हुआ हो, उस पे फिर से अधिकार क्या करना
मोहब्बत का मज़ा तो, डूबने की कशमकश में है
जो हो मालूम गहरायी, तो दरिया पार क्या करना
बदलने को तो इन आखों के मंजर काम नहीं बदले,
तुम्हारी याद के मौसम हमारे ग़म नहीं बदले,
तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी तब तो मानोगी,
ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले।
उसी की तरहा मुझे सारा ज़माना चाहे,
वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे,
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा,
ये मुसाफिर तो कोई ठिकाना चाहे।
Kumar Vishwas Dosti Shayari In Hindi
तुम्हीं पे मरता है ये दिल अदावत क्यों नहीं करता,
कई जन्मों से बंदी है बगावत क्यों नहीं करता,
कभी तुमसे थी जो वो ही शिकायत है ज़माने से,
मेरी तारीफ़ करता है मोहब्बत क्यों नहीं करता।
उसी की तरह मुझे सारा ज़माना चाहे,
वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे,
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा,
ये मुसाफिर हो कोई ठिकाना चाहे।
घर से निकला हूँ तो निकला है,
घर भी साथ मेरे देखना ये है कि,
मंज़िल पे कौन पहुँचेगा ?
मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है
दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा.
मैं उसका हूँ वो इस एहसास से इनकार करती है
भरी महफ़िल में भी, रुसवा हर बार करती है
यकीं है सारी दुनिया को, खफा है हमसे वो लेकिन
मुझे मालूम है फिर भी मुझी से प्यार करता है.
घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे,
देखना ये है कि मंजिल पे कौन पहुँचेगा,
मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है
दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा।
हमारे शेर सुनकर भी जो खामोश इतना है
खुदा जाने गुरुर ए हुस्न में मदहोश कितना है
किसी प्याले से पूछा है सुराही ने सबब मय का
जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये होश कितना है.
Kumar Vishwas Shayari On Life
मेरा जो भी तर्जुबा है, तुम्हे बतला रहा हूँ मैं
कोई लब छु गया था तब, की अब तक गा रहा हूँ मैं
बिछुड़ के तुम से अब कैसे, जिया जाये बिना तडपे
जो मैं खुद ही नहीं समझा, वही समझा रहा हु मैं
सखियों संग रंगने की धमकी सुनकर क्या डर जाऊँगा?
तेरी गली में क्या होगा ये मालूम है पर आऊँगा,
भींग रही है काया सारी खजुराहो की मूरत सी,
इस दर्शन का और प्रदर्शन मत करना, मर जाऊँगा.
एक पहाडे सा मेरी उँगलियों पे ठहरा है
तेरी चुप्पी का सबब क्या है? इसे हल कर दे
ये फ़क़त लफ्ज़ हैं तो रोक दे रस्ता इन का
और अगर सच है तो फिर बात मुकम्मल कर दे
यह चादर सुख की मोल क्यू, सदा छोटी बनाता है.
सीरा कोई भी थामो, दूसरा खुद छुट जाता है.
तुम्हारे साथ था तो मैं, जमाने भर में रुसवा था.
मगर अब तुम नहीं हो तो, ज़माना साथ गाता है।
मोहब्बत एक अहसासों की, पावन सी कहानी है,
कभी कबिरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है,
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं,
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है।
अजब है कायदा दुनिया ए इश्क का मौला
फूल मुरझाये तब उस पर निखार आता है
अजीब बात है तबियत ख़राब है
जब से मुझ को तुम पे कुछ ज्यादा प्यार आता है.
Kumar Vishwas Love Shayari In Hindi Lyrics
भारत में कुमार विश्वास जी का नाम बहुत सम्मानपूर्वक लिया जाता है। उन्हें श्रृंगार रास का लेखक माना जाता है। 2014 में Google ने उन्हें निमंत्रण दिया और गूगल हेडक्वार्टर्स में कार्यकर्ताओं को भाषण दिया।
उन्होंने बिग बॉस रियलिटी शो से भी निमंत्रण लिया, लेकिन उन्होंने नहीं लिया। तो आइए पढ़ते हैं उनकी बेहतरीन शायरियां।
स्वंय से दूर हो तुम भी स्वंय से दूर है हम भी
बहुत मशहूर हो तुम भी बहुत मशहूर है हम भी
बड़े मगरूर हो तुम भी बड़े मगरूर है हम भी
अतः मजबूर हो तुम भी अतः मजबूर है हम भी
तुम्हारा ख़्वाब जैसे ग़म को अपनाने से डरता है,
हमारी आखँ का आँसूं , ख़ुशी पाने से डरता है,
अज़ब है लज़्ज़ते ग़म भी,
जो मेरा दिल अभी कल तक़ तेरे जाने से डरता था वो
अब आने से डरता है.
तुझ को गुरुर ए हुस्न है मुझ को सुरूर ए फ़न
दोनों को खुदपसंदगी की लत बुरी भी है
तुझ में छुपा के खुद को मैं रख दूँ मग़र मुझे
कुछ रख के भूल जाने की आदत बुरी भी है
“तुम्हीं पे मरता है ये दिल, अदावत क्यों नहीं करता,
कई जन्मों से बंदी है, बग़ावत क्यों नहीं करता,
कभी तुम से थी जो वो ही शिकायत है ज़माने से,
मेरी तारीफ़ करता है, मुहब्बत क्यों नहीं करता..!
नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है
मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है
कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों
सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है।
समंदर पीर का अन्दर है,
लेकिन रो नहीं सकता यह आंसू प्यार का मोती है,
इसको खो नहीं सकता. मेरी चाहत को दुल्हन तू,
बना लेना मगर सुन ले. जो मेरा हो नहीं पाया,
वो तेरा हो नहीं सकता.
Famous Kumar Vishwas Poetry-Shayari
हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है
और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है
मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल
भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है।
क़लम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा,
गिरेबां अपना आँसू में भिगोता हूँ तो हंगामा.
नहीं मुझ पर भी जो खुद की ख़बर वो है ज़माने पर,
मैं हँसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा.
हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते
मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते
जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो
जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकते
उन की ख़ैर-ओ-ख़बर नहीं मिलती
हम को ही ख़ास कर नहीं मिलती
शाएरी को नज़र नहीं मिलती
मुझ को तू ही अगर नहीं मिलती
रूह में दिल में जिस्म में दुनिया ढूँढता हूँ
मगर नहीं मिलती
लोग कहते हैं रूह बिकती है
मैं जिधर हूँ उधर नहीं मिलती||
मेरा अपना तजुर्बा है तुम्हे बतला रहा हूँ मैं
कोई लब छू गया था तब के अब तक गा रहा हु मैं
बिछुड़ के तुम से अब कैसे जिया जाए बिना तड़पे
जो में खुद हे नहीं समझा वही समझा रहा हु मैं..
वो जिसका तीरे छुपके से जिगर के पार होता है
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है
किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से
यहां खत भी जरा सी देर में अखबार होता है।
kumar vishwas motivational shayari in hindi
वह बचपन से हिंदी कविता में दिलचस्पी रखते थे. उनकी लोकप्रिय कविताओं में शामिल हैं, जैसे होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो, मैं तो झोंका हूँ, बात करनी है, बात कौन करे, देवदास मत होना, साल मुबारक, मैं तुम्हे प्यार नहीं दे पाऊँगा, एक पगली लड़की के बिना, रंग दुनिया ने दिखाया है, काल गति से परे वास्तव में, इन्ही की कविताएं और शायरी इंटरनेट पर सबसे अधिक सर्च की जाती हैं। उम्मीद है कि आप इस लेख के अंत तक रहेंगे।
पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार क्या करना
जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना
मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है
हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना।
सब अपने दिल के राजा है, सबकी कोई रानी है
भले प्रकाशित हो न हो पर सबकी कोई कहानी है
बहुत सरल है किसने कितना दर्द सहा
जिसकी जितनी आँख हँसे है, उतनी पीर पुराणी है.
स्वंय से दूर हो तुम भी स्वंय से दूर है हम भी
बहुत मशहूर हो तुम भी बहुत मशहूर है हम भी
बड़े मगरूर हो तुम भी बड़े मगरूर है हम भी
अतः मजबूर हो तुम भी अतः मजबूर है हम भी.
कोई मंजिल नहीं जंचती, सफर अच्छा नहीं लगता
अगर घर लौट भी आऊ तो घर अच्छा नहीं लगता
करूं कुछ भी मैं अब दुनिया को सब अच्छा ही लगता है
मुझे कुछ भी तुम्हारे बिन मगर अच्छा नहीं लगता।
वो जिसका तीरे छुपके से जिगर के पार होता है
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है
किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से
यहां खत भी जरा सी देर में अखबार होता है।
हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है
और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है
मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल
भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है।
kumar vishwas shayari koi deewana kehta hai (कुमार विश्वास की शायरी)
ना पाने की खुशी है कुछ, ना खोने का ही कुछ गम है
ये दौलत और शोहरत सिर्फ, कुछ ज़ख्मों का मरहम है
अजब सी कशमकश है,रोज़ जीने, रोज़ मरने में
मुक्कमल ज़िन्दगी तो है, मगर पूरी से कुछ कम है|
वो जो खुद में से कम निकलतें हैं
उनके ज़हनों में बम निकलतें हैं
आप में कौन-कौन रहता है
हम में तो सिर्फ हम निकलते हैं।
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा,
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा,
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का,
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा।
घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे
देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा
मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है
दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा।
मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है
यहाँ सब लोग कहते है, मेरी आँखों में पानी है
जो तुम समझो तो मोती है, जो ना समझो तो पानी है.
पनाहों में जो आया हो, तो उस पर वार क्या करना
जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना
मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है ||
ये वो ही इरादें हैं, ये वो ही तबस्सुम है
हर एक मोहल्लत में, बस दर्द का आलम है
इतनी उदास बातें, इतना उदास लहजा ,
लगता है की तुम को भी, हम सा ही कोई गम है.