कटी हुई टहनियां कहां छाँव देती है
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती है….!
कर के बेचैन फिर मेरा हाल ना पूछा
उसने नजरें फेर लीं मैंने भी सवाल ना पूछा…
बहुत खूबसूरत है ना ये वहम मेरा,
के तुम जहां भी हो सिर्फ मेरे हो…!!
अच्छी थी कहानी मगर अधूरी रह गई,
इतनी मोहब्बत के बाद भी दूरी रह गई….
वो जो कहते थे नही जी सकते तुम्हारे बिना,
हर मोशम की तरह उसने मिज़ाज भरे हुए है।
कर के बेचैन फिर मेरा हाल ना पूछा
उसने नजरें फेर लीं मैंने भी सवाल ना पूछा…
ना जाने ये इश्क़ है या जुनून है,
ना चैन है ना सुकुन है।
वो जाना चाहता है छोड़कर मुझको,
कैसे जीऊ में उसके बिना कोई बताए उसे।
शायरी एक नशा है दिल का हाल सुनाने को,
तुम क्या जानो आंखों से पी थी कभी उस जालिम के।
लाख कोशीसो पर भी में दूर नही रह पाता,
मोहब्बत है या इबादत हो गई तुमसे।