Gulzar Shayari in Hindi: The best filmmaker & lyricist, Gulzar Sahab, is one of the most famous writers in India. He Writes Thousand of Beautiful Ghazal, Shayari, Poetry, Quotes, Alfaaz, and Poems in Hindi & Urdu. All words touch everyone’s heart. So We Collected Some Of The Best Heart-Touching Shayari’s of Gulzar Sahab.
गुलज़ार साहब को कौन नहीं जानता। गुलज़ार साहब एक महान लेखक हैं, वैसे तो गुलज़ार साहब कमाल की रोमांटिक शायरी लिखते हैं लेकिन साथ ही ज़िंदगी के बारे में बहुत प्रेरक बातें भी लिखते हैं।
यहाँ पर हमने ऐसी ही गुलज़ार साहब के द्वारा लिखी हुई कुछ लोकप्रिय शायरियों को एकत्रित किया है जो आपको बहुत पसंद आएँगी।
Table of Contents
Best Gulzar Shayari

हम समझदार भी इतने हैं के
उनका झूठ पकड़ लेते हैं
और उनके दीवाने भी इतने के फिर भी
यकीन कर लेते है।

इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है।

वो शख़्स जो कभी
मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी
नही होने दिया.

सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.

दौलत नहीं शोहरत नहीं,न वाह चाहिए
“कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता |

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है।

मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने
चल मैं बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर।
Beautiful Gulzar Shayari lyrics

जब भी आंखों में अश्क भर आए
लोग कुछ डूबते नजर आए
चांद जितने भी गुम हुए शब के
सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए |

एक बार जब तुमको बरसते पानियों के पार देखा था
यूँ लगा था जैसे गुनगुनाता एक आबशार देखा था
तब से मेरी नींद में बसती रहती हो
बोलती बहुत हो और हँसती रहती हो.

वक्त कटता भी नही
वक्त रुकता भी नही
दिल है सजदे में मगर
इश्क झुकता भी नही |

पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी।

आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हमने ऐतबार किया।
तेरी राहो में बारहा रुक कर,
हम ने अपना ही इंतज़ार किया।।
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब,
ये गुनाह हमने एक बार किया।।।

मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं।।

सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की,
मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर,
कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया।।
Famous Gulzar Shayari Zindagi

मेरा ख्याल है अभी, झुकी हुई निगाह में
खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में
मैं जानता हूं, मेरा नाम गुनगुना रही है वो
यही ख्याल है मुझे, के साथ आ रही है वो

तुम्हें जिंदगी के उजाले मुबारक
अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं
तुम्हें पा के हम खुद से दूर हो गए थे
तुम्हें छोड़कर अपने पास आ गए हैं |

सुरमे से लिखे तेरे वादे
आँखों की जबानी आते हैं
मेरे रुमालों पे लब तेरे
बाँध के निशानी जाते हैं |

दर्द हल्का है साँस भारी है,
जिए जाने की रस्म जारी है।

उधड़ी सी किसी फिल्म का एक सीन थी बारिश,
इस बार मिली मुझसे तो गमगीन थी बारिश।
कुछ लोगों ने रंग लूट लिए शहर में इस के,
जंगल से जो निकली थी वो रंगीन थी बारिश।।

बीच आसमां में था बात करते- करते ही,
चांद इस तरह बुझा जैसे फूंक से दिया,
देखो तुम इतनी लम्बी सांस मत लिया करो।।

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी |

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता |
4 Line Gulzar Shayari in Hindi

गुल पोश कभी इतराये कहीं
महके तो नज़र आ जाये कहीं
तावीज़ बनाके पहनूं उसे
आयत की तरह मिल जाये कहीं |

कुछ अलग करना हो तो
भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं
मगर पहचान छिन लेती हैं |

सुनो…
जब कभी देख लुं तुमको
तो मुझे महसूस होता है कि
दुनिया खूबसूरत है |

देर से गूंजते हैं सन्नाटे,
जैसे हमको पुकारता है कोई.
कल का हर वाक़िया था तुम्हारा,
आज की दास्ताँ है हमारी |

उम्मीद तो नही
फिर भी उम्मीद हो
कोई तो इस तरह
आशिक़ शहीद हो |
Hindi Gulzar Shayari on Life

तू समझता क्यूं नही है
दिल बड़ा गहरा कुआँ है
आग जलती है हमेशा
हर तरफ धुआँ धुआँ है |

प्यार में अज़ीब ये रिवाज़ है,
रोग भी वही है जो इलाज है.

तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।

अच्छी किताबें और अच्छे लोग
तुरंत समझ में नहीं आते हैं,
उन्हें पढना पड़ता हैं |

इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां |

मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिए
तुम्हें वो कबूल क्यों नहीं
जो मैं हूं

बहुत छाले हैं उसके पैरों में
कमबख्त उसूलों पर चला होगा

मैं दिया हूँ
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं |
Gulzar Shayari on Mohabbat

झुकी हुई निगाह में, कहीं मेरा ख्याल था
दबी दबी हँसी में इक, हसीन सा गुलाल था
मै सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वो
न जाने क्यूं लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो |

इस दिल में बस कर देखो तो
ये शहर बड़ा पुराना है
हर साँस में कहानी है
हर साँस में अफ़साना है |

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती |

ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था.

एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं |

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं |
Heart Touching Gulzar Shayari on Yaadein

दबी-दबी साँसों में सुना था मैंने
बोले बिना मेरा नाम आया
पलकें झुकी और उठने लगीं तो
हौले से उसका सलाम आया |

खून निकले तो ज़ख्म लगती है
वरना हर चोट नज़्म लगती है.

इतना लंबा कश लो यारो,
दम निकल जाए
जिंदगी सुलगाओ यारों,
गम निकल जाए |

घर में अपनों से उतना ही रूठो
कि आपकी बात और दूसरों की इज्जत,
दोनों बरक़रार रह सके |

लोग कहते है की
खुश रहो
मगर मजाल है
की रहने दे |

अपने साये से चौंक जाते हैं,
उम्र गुजरी है इस क़दर तनहा.
Behatareen Gulzar’s poetry

जीना भूले थे कहां याद नहीं!
तुमको पाया है जहाँ
सांस फिर आई वहीं |

सहम सी गयी है ख्वाइशें
ज़रूरतों ने शायद उन से
ऊँची आवाज़ में बात की होगी |

गुलाम थे तो
हम सब हिंदुस्तानी थे
आज़ादी ने हमें
हिन्दू मुसलमान बना दिया |
Gulzar Famous Shayari in Hindi

तुम मिले तो क्यों लगा मुझे,
खुद से मुलाकात हो गई
कुछ भी तो कहा नही मगर,
ज़िंदगी से बात हो गई |

टूटी फूटी शायरी में
लिख दिया है डायरी में
आख़िरी ख्वाहिश हो तुम
लास्ट फरमाइश हो तुम |

क्यूं बार बार लगता है मुझे
कोई दूर छुपके तकता है मुझे
कोई आस पास आया तो नही
मेरे साथ मेरा साया तो नही |

गए थे सोचकर की बात
बचपन की होगी
मगर दोस्त मुझे अपनी
तरक्की सुनाने लगे

दिल के रिश्ते हमेशा किस्मत से ही बनते है,
वरना मुलाकात तो रोज हजारों 1000 से होती है |

वह जो सूरत पर सबकी हंसते है,
उनको तोहफे में एक आईना दीजिए

बहुत मुश्किल से करता हूं
तेरी यादों का कारोबार मुनाफा कम है
पर गुज़ारा हो ही जाता है |

यूं तो ऐ जिंदगी तेरे सफर से
शिकायते बहुत थी
मगर दर्द जब दर्ज करने पहुंचे
तो कतारें बहुत थी |
Sad Love Gulzar Quotes

हमने देखी है उन आँखों की खुशबू
हाथ से छूके इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो.

उम्मीद भी अजनबी लगती है
और दर्द पराया लगता है
आईने में जिसको देखा था
बिछड़ा हुआ साया लगता है |

मुस्कुराना, सहते जाना, चाहने की रस्म है
ना लहू ना कोई आँसू इश्क़ ऐसा ज़ख्म है |

खुद की कीमत गिर जाती है
किसी को कीमती बनाने की
चाह में!

बदल दिए है अब
हमने नाराज होने के तरीके,
रूठने के बजाय बस हल्के से
मुस्कुरा देते है।

कौन कहता है
हम झूठ नहीं बोलते
एक बार खैरियत
पूछ कर तो देखो |

जिंदगी ये तेरी खरोंचे है मुझ पर
या फिर तू मुझे तराशने की कोशिश में है…

तस्वीरें लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब
आईने गुजरा हुआ वक्त नहीं बताया करते |
Gulzar Shayari Text & Images

कोई तो करता होगा हमसे भी
खामोश मोहब्बत..
किसी का हम भी अधूरा
इश्क रहे होंगे…

सब खफा हैं मेरे लहजे से,
पर मेरे हालात से वाकिफ
कोई नहीं..

मेरे कंधे पर कुछ यूं गिरे उनके आंसू ,
कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गई..

एक ना एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंजिल..
ठोकरें ज़हर तो नहीं जो खा कर मर जाऊंगा।

खुदकुशी हराम है साहब,
मेरी मानो तो इश्क़ कर लो |

सलीका अदब का तो बरकरार रखिए जनाब,
रंजिशे अपनी जगह है सलाम अपनी जगह।।

इतने बेवफा नहीं है की तुम्हें भूल जाएंगे,
अक्सर चुप रहने वाले प्यार बहुत करते हैं।।
Best Gulzar Poetry In Hindi

बहुत करीब से अनजान बनके
गुजरा है वो शख्स,
जो कभी बहुत दूर से
पहचान लिया करता था..

उतार कर फेंक दी उसने
तोहफे में मिली पायल,
उसे डर था छनकेगी तो
याद जरूर आऊंगा मै..

मेरी किस्मत में नहीं था तमाशा करना,
बहुत कुछ जानते थे मगर ख़ामोश रहे।।

मुहब्बत लिबास नहीं जो हर रोज बदल जाए
मोहब्बत कफन है जो पहन कर उतारा नहीं जाता।।

इतनी सी ज़िन्दगी है पर ख्वाब बहुत है
जुर्म तो पता नहीं साहब पर इल्जाम बहुत है।।

नहीं करता मैं तेरी ज़िक्र किसी तीसरे से
तेरे बारे में बात सिर्फ़ ख़ुदा से होती है ।।

वो हमे भूल ही गए होंगे
भला इतने दिनों तक
कौन खफा रहता है..
2 Line Gulzar shayari In Hindi

आज थोड़ी बिगड़ी है
कल फिर सवांर लेंगे
जिंदगी है जो भी होगा
संभाल लेंगे…
सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक़्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हजार मिलेंगे..

जो चाहे हो जाए वह दर्द कैसा और
जो दर्द को महसूस ना कर सके वो हमदर्द कैसा |

उसने एक ही बार कहा दोस्त हूं
फिर मैंने कभी नहीं कहा व्यस्त हूं।।

शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है |

कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।

बेहिसाब हसरते ना पालिये,
जो मिला हैं उसे सम्भालिये।
Gulzar Shayari On Life In Hindi

लगता है जिंदगी
आज खफा है,
चलिए छोड़िए
कौनसी पहली दफा है !

हमेशा से तो नही रहा होगा
तू भी सख्त दिल
तेरी भी मासूमियत से भी
किसी ने खेला होगा !!

सफर छोटा ही सही
पर यादगार होना चाहिए,
रंग सांवला ही सही
पर वफादार होना चाहिए..

रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो,
दिन की चादर अभी उतारी है।

रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर,
उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई
शिकवा तो नहीं
तेरे बिना पर ज़िन्दगी भी लेकिन
ज़िन्दगी तो नहीं |

उम्र जाया कर दी लोगो ने
औरों में नुक्स निकालते निकालते
इतना खुद को तराशा होता
तो फरिश्ते बन जाते |
Gulzar Shayari Sad

मुझे मालूम था कि वो
मेरा हो नही सकता,
मगर देखो मुझे फिर भी
मोहब्बत हो गई उससे..

जो हैरान हैं मेरे सब्र पर
उनसे कह दो जो आंसू जमीन पर
नहीं गिरते वो दिल चीर देते हैं..

अपनी पीठ से निकले
खंजरों को जब गिना मैंने
ठीक उतने ही निकले
जितनो को गले लगाया था !

मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है।

बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,
जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं।

मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?
नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।

उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और,
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंग |
Gulzar Shayari Words On Dosti

जो बीत गया है वो अब दौर न आएगा,
इस दिल में सिवा तेरे कोई और न आएगा,
घर फूंक दिया हमने, अब राख उठानी है,
जिंदगी और कुछ नही, तेरी मेरी कहानी है।

नही करता मै तेरा जिक्र
किसी तीसरे से,
तेरे बारे में बात सिर्फ
खुदा से होती है।

मोहब्बत में अक्सर ऐसा होता है,
पूरी दुनिया से लड़ने वाला इंसान
अपने मन पसंद इंसान से हार जाता है।

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।

एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है,
मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की।

हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।
Gulzar Shayari On love

“ सब तरह की दीवानगी
से वाकिफ हुए हम,
पर मा जैसा चाहने वाला
जमाने भर में ना था ! “

अब टूट गया दिल
तो बवाल क्या करें,
खुद ही किया था पसंद
अब सवाल क्या करें ?
💔💔💔

हर कोई परेशान है
मेरे कम बोलने से,
और मै परेशान हूं
अपने अंदर के शोर से..!!

कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था,
आज की दास्ताँ हमारी है।

एक सो सोलह चाँद की रातें ,
एक तुम्हारे कंधे का तिल।
गीली मेहँदी की खुश्बू झूठ मूठ के वादे,
सब याद करादो, सब भिजवा दो,
मेरा वो सामान लौटा दो।।

मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं।।

लकीरें हैं तो रहने दो,
किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खींच दी थी,
उन्ही को अब बनाओ पाला, और आओ कबड्डी खेलते हैं।।

“एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा।”
Gulzar Shayari On Zindagi

अब मत मिलना
तुम दोबारा मुझे,
वक़्त बहुत लगा है
खुद को संभालने में..!!

तुम्हारी आदत सी
हो गई थी हमें,
मालूम तो हमे भी था कि
तुम नसीब में नही हो.

किसी को उजाड़ कर
बसे तो क्या बसे,
किसी को रुला कर
हंसे तो क्या हंसे..!!

ज़रा ये धुप ढल जाए ,तो हाल पूछेंगे ,
यहाँ कुछ साये , खुद को खुदा बताते हैं।

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी थी और चाँद भी था ,
हाँ मगर नींद नहीं।

सेहमा सेहमा डरा सा रहता है
जाने क्यों जी भरा सा रहता है।

चांदी उगने लगी है बालों में ,
के उम्र तुम पर हसीन लगती है !

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते |
गुलज़ार शायरी इन हिंदी :-

गलती तेरी थी या
मेरी क्या फर्क पड़ता है
रिश्ता तो हमारा था ना।

अगर मोहब्बत उससे ना मिले
जिसे आप चाहते हो,
तो मोहब्बत उसको जरूर देना
जो आपका चाहते हैं…

सच कहा था
एक फकीर ने मुझसे,
तुझे मोहब्बत तो मिलेगी
पर तड़पाने वाली !

ये रोटियाँ हैं ये सिक्के हैं और दाएरे हैं
ये एक दूजे को दिन भर पकड़ते रहते हैं |

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में |

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।

खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो?
एक ख़ामोश-सा जवाब तो है।
गुलज़ार साहब शायरी हिंदी में :-

जाने वाला कमियां देखता है,
निभाने वाला काबिलियत…

रोना उनके लिए
जो तुम पर निसार हो,
उसके लिए क्या रोना
जिनके आशिक़ हजार हों..

सच बड़ी काबिलियत से
छुपाने लगे हैं हम,
हाल पूछने पर बढ़िया
बताने लगे हैं हम..!

एक सुकून सा मिलता है तुझे सोचने से भी,
फिर कैसे कह दूँ मेरा इश्क़ बेवजह सा है ।।

अजीब सी दुनिया है यह साहब,
यहां लोग मिलते कम एक दूसरे में झांकते ज्यादा है।।

जिसे पा नहीं सकते जरूरी नहीं ,
कि उसे प्यार करना भी छोड़ दिया जाए।।

तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने,
सूख गया वो तेरा गुलाब लेकिन फेंका नहीं मैंने।।
गुलज़ार शाहब की शायरी इन हिंदी :-

तिनका सा मै और समुंदर सा इश्क,
डूबने का डर और डुबाना ही इश्क..

बातों से सीखा है हम ने
आदमी को पहचानने का फन
जो हल्के लोग होते हैं
हर वक़्त बातें भारी भारी करते हैं..

वो सफर बचपन के अब तक
याद आते हैं मुझे,
सुबह जाना हो कहीं तो
रात भर सोते नही थे..!

पहले लगता था तुम ही दुनिया हो,
अब लगता है तुम भी दुनिया हो।।

तो कभी हुआ नहीं,
गले भी लगे और छुआ नहीं।।

जरा ठहरो तो नजर भर देखु,
ज़मीं पे चांद कहां रोज-रोज उतरता है।।
गुलज़ार शायरी इन हिंदी

एक बार फिर इश्क़ करेंगे हम,
अभी सिर्फ भरोसा उठा है जनाजा नहीं।।

मुझे खौफ कहां मौत का,
मैं तो जिंदगी से डर गया हूं।।

गये थे सोचकर कि बात बचपन की होगी
मगर दोस्त मुझे अपनी तरक्क़ी सुनाने लगे….

कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं।

उम्मीद तो नही,
फिर भी उम्मीद हो,
कोई तो इस तरह,
आशिक़ शहीद हो.
Gulzar Shayari In Hindi images Download

दोस्ती रूह में उतरा हुआ
रिश्ता है साहब,
मुलाकातें कम होने से
दोस्ती कम नही होती..

ये दोस्ती का गणित है साहब
यहां दो में से एक गया तो कुछ नहीं बचता..

आज़माना अपनी यारी को पतझड़ में
मेरे दोस्त सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है..

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी
तरफ किसी की आँख में हम को भी इंतजार दिखे |

बहुत कम लोग हैं
जो मेरे दिल को भाते हैं,
और उससे भी बहुत कम हैं
जो मुझे समझ पाते हैं..

तुम्हे ज़िन्दगी के उजले मुबारक
अँधेरे हमे आज रास आ गए है
तुम्हे पा के हम खुद से दूर हो गए थे
तुम्हे छोड़ कर अपने पास आ गए है |
Gulzar Quotes In Hindi, गुलज़ार कोट्स इन हिंदी

तमाशा जिंदगी का हुआ,
कलाकार सब अपने निकले !

किसी ने मुझसे पूछा की
दर्द की कीमत क्या है.?
मैंने कहा, मुझे नही पता
मुझे लोग फ्री में दे जाते हैं !

लौटने का ख्याल भी आए
तो बस चले आना,
इंतजार आज भी बड़ी
बेसब्री से है तुम्हारा..

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया?

सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।

बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो!

सोचता हूँ दोस्तों पर मुकदमा कर दूँ,
इसी बहाने तारीखों पर मुलाक़ात तो होगी..!!!
All these above Gulzar Shayari in Hindi are written just for you. Read all, select your favorite Shayari & copy them, and paste them on your favorite platform like Instagram, WhatsApp, Facebook, etc.
See Also: